Saturday, January 4, 2020

मांसाहार या शाकाहार

मांस खाने वाले व्यक्ति नाना प्रकार के रोगों से ग्रस्त होते हैं। अल्पायु होते हैं। शाकाहारी लोग स्वस्थ होते हैं। दीर्घायु होते हैं। घोड़ा मांस नहीं खाता। चने और घास खाता है। उसके अंदर ऊर्जा का अक्षय भंडार होता है। लगातार घंटों वह बिना थके दौड़ सकता है। उसकी इस शक्ति से प्रभावित होकर ही मोटर की शक्ति को हॉर्स पॉवर कहा जाता है। चीता और शेर मांस खाते है लेकिन दौड़ की ऊर्जा में वे घोड़े का मुकाबला नहीं कर सकते। गोरिल्ला और हाथी भी शाकाहारी होते हुए भी बहुत बलवान होते हैं। शराब भी इसी प्रकार स्वास्थ्य को नुक्सान पहुंचाती है। लोगों को अल्पायु बनाती है। खुशवंत सिंह, अंग्रेजी के लेखक की निनानवे वर्ष की आयु में दिल्ली में मृत्यु हो गई। उन्होंने जीवन भर मांस खाया और शराब पी। नीरद चौधरी सौ की आयु में मरे। मांस मछली और शैम्पेन के शौकीन। जैन मुनि तरुण सागर 51 वर्ष में ही संसार से चले गए। मांसाहार और शराब से उनका दूर दूर तक कोई नाता नहीं था। सत्य क्या है पता नहीं! मांसाहार और शाकाहार का झगड़ा मैं तो कहता हूं बेकार है। इसके विरोध तथा समर्थन के सारे तर्क सब बकवास हैं।

No comments:

Post a Comment