Sunday, December 29, 2019

अरैंज मैरीज या लव मैरीज

हम जिसे जानते नहीं उससे विवाह कैसे कर सकते हैं? अरैंज मैरीज में हम एक अजनबी से विवाह करते हैं। हमारे जीवन साथी का चुनाव हमारे माँ बाप करते हैं। जबकि लव मैरीज में हम उससे विवाह करते हैं जिससे हम प्रेम करते हैं। अरैंज मैरीज में तलाक के मामले यद्द्पि कम हैं लेकिन घुट घुट कर कई लोग संबंध निभाते हुए पाए जाते हैं। लव मैरीज में तलाक के मामले ज्यादा पाये गए हैं।  इतने लंबे समय तक दो लोगों के साथ रहने में ऊब होना स्वाभाविक है। अंगेजी में एक कहावत है- Familiarity breeds contempt. संबंध को हमेशा जवान बनाए रखने के लिए कुछ न कुछ नया करते रहना जरूरी है। वैसे इसमे काफी ऊर्जा और संसाधन खर्च होते हैं। मेरे एक मित्र जो अभी तक कुवांरे हैं और जो विवाह के विरुद्ध हैं का कहना है कि विवाह प्रकृति सम्मत नहीं है। विवाह मानव निर्मित संस्थान है। इसमें समस्या होना स्वाभाविक है। उनका कहना है यों भी धरती पर जनसंख्या बहुत बढ़ चुकी है। विवाह मत करो। विवाह, सुखी वैवाहिक जीवन, जन्म-जन्म का संबंध आदि आदि, सब बकवास है! 

Friday, December 27, 2019

एल ई डी बल्ब

एल ई डी बल्ब लगा लो। बिजली का बिल कम आएगा। एक मित्र ने सलाह दी। पांच वाट का बल्ब भी कितनी अच्छी रौशनी देता है। यह ट्यूबलाइट से भी अधिक बिजली बचाता है। मैंने भी घर के सारे बल्ब बदल डाले।  कोई भी बिजली के उपकरण अनावश्यक जलने नहीं देता था। एल ई डी से बहुत उम्मीद थी। महीना बीत गया। बिजली का बिल आया। जैसे बिजली गिर गई हो। इतना ज्यादा बिल! एल ई डी लगा लो, ये लगा लो वो लगा लो, सब बकवास है!

Thursday, December 26, 2019

डॉक्टर या नो डॉक्टर

हमारे एक मित्र शर्माजी को एक दिन पता चला की उन्हें डायबिटीज़ है। अब जब कोई रोग है तो डॉक्टर के पास जाना बनता है। सो वो पहुँच गए एक डॉक्टर के पास। उसने ब्लड टेस्ट आदि के बाद उन्हें तमाम दवाइयाँ जो उनके रक्त से शर्करा की मात्रा कम करने में सहायक होंगी लिख दीं। उन्होने उन दवाइयों का सेवन प्रारम्भ कर दिया। आज पाँच साल से भी अधिक हो गया है उन्हें उन दवाइयों का सेवन करते । अब तो वे इंसुलिन की सुइयाँ भी लेने लगे हैं। उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टर उन्हें डायबिटीज़ से मुक्त करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। कल वे अपने एक मित्र वर्माजी से मिले उन्हें भी डायबिटीज़ की शिकायत हो गई थी। लेकिन वे अब स्वस्थ थे। उनके मित्र ने कहा कि उन्होने अपना इलाज अपनी जीवन शैली में बदलाव ला कर किया। शारीरिक रूप से वे सक्रिय हो गए। भोजन में उन्होने बदलाव लाया। शाकाहार अपनाया। जंक फूड का पूर्णतः त्याग किया। योग और चलना फिरना अधिक कर दिया। तनाव को कम किया। हाँ, एक बात और वे किसी डॉक्टर के पास नहीं गए। ब्लड टेस्ट करवाते रहते हैं।  शर्माजी झल्ला के कह उठे- सब बकवास है!

Wednesday, December 25, 2019

सब बकवास है

श्रीमती शर्मा अपने बच्चे शुभम को बेतहाशा डांट  पिला रही थीं। पढ़ते नही हो। दिन भर मोबाइल में घुसे रहते हो। प्रतीक को देखो हर सब्जेक्ट में नब्बे प्रतिशत से अधिक लाया है। पी टी एम में कितनी बेइज्जती हो जाती है। मॉम आप मुझे बेकार डांटती रहती हो। बिल गेट्स कॉलेज ड्रॉप आउट थे। स्टीव जॉब्स भी ड्रॉप आउट थे। ऐसे हजारों लोग हैं जिन्होंने स्कूल कॉलेज नहीं किया लेकिन वे जीवन में सफल रहे हैं। शुभम बिलकुल सही  कह रहा  था । स्कूल की पढाई तोंते तैयार कर रही है। जीवन का पाठ्यक्रम अलग है। जीवन की परीक्षा अलग है। बाकी मैं तो कहता हूं, सब बकवास है।

नागरिकता और सार्वभौमिकता

मनुष्य नश्वर प्राणी है। उसे एक दिन नष्ट तो होना ही है। वह कौन है। कहां से आया है। इस धरती पर उसके जीवन का उद्देश्य क्या है। उसे कुछ नहीं मालूम। नागरिकता के कानून वास्तव में सिर्फ कानून है जैसे अन्य कानून है न! वैसे ही । सीएए तथा  एन आर सी कुछ प्राणियों में भय पैदा कर रहे हैं। इस ब्रह्मांड में हमारी स्थिति एक धूल के कण के बराबर भी नहीं है। इस विषय पर इतना उदिग्न होना ठीक नहीं। आप जीवन का आनंद लें। भोग करें संभोग करें। अंततः मैं तो कहता हूं कि सब बकवास है।