मनुष्य नश्वर प्राणी है। उसे एक दिन नष्ट तो होना ही है। वह कौन है। कहां से आया है। इस धरती पर उसके जीवन का उद्देश्य क्या है। उसे कुछ नहीं मालूम। नागरिकता के कानून वास्तव में सिर्फ कानून है जैसे अन्य कानून है न! वैसे ही । सीएए तथा एन आर सी कुछ प्राणियों में भय पैदा कर रहे हैं। इस ब्रह्मांड में हमारी स्थिति एक धूल के कण के बराबर भी नहीं है। इस विषय पर इतना उदिग्न होना ठीक नहीं। आप जीवन का आनंद लें। भोग करें संभोग करें। अंततः मैं तो कहता हूं कि सब बकवास है।
No comments:
Post a Comment